आज की पोस्ट में हम वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका (Witr Ki Namaz Ka Tarika) सीखेंगे। याद होना चाहिए कि वित्र की नमाज़ को ईशा की फर्ज़ नमाज़ पढ़ने के बाद पढ़ते हैं। वित्र की नमाज़ में कुल 3 रकात होती हैं।

तो आईये जानते हैं कि वित्र की 3 रकात वाजिब नमाज़ किस तरह पढ़ी जाती है।
वित्र की नमाज़ की नीयत करने का तरीका
- सबसे पहले हमें वित्र की नमाज़ की नियत करना होती है।
- नियत कुछ इस तरह है: – नियत करता हूँ मैं, तीन रकाअत नमाज़ वित्र वाजिब, वक़्त ईशा, वास्ते अल्लाह ताला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहु अकबर
- जब अल्लाहुअकबर कहेंगे तब दोनों हाथों को कानों तक उठाकर नाभि के नीचे कमर पर हाथ बाँध लेंगे।
- इस तरह वित्र की नमाज़ की नियत पूरी हो जायेगी।
किसी भी नमाज़ को पढ़ने से पहले वुज़ू किया जाता है। क्या आपको वुज़ू का तरीका मालूम है। अगर नहीं मालूम तो जानें वुज़ू करने का तरीका हिंदी में।
वित्र की नमाज़ पढ़ने का तरीका
तो वित्र की नमाज़ में हम 3 रकात नमाज़ अदा करते हैं। सबसे पहले नियत करते हैं और फिर आगे की नमाज़ को सुन्नत, फर्ज़ नमाज़ों की तरह पढ़ते हैं। आईये Witr Ki Namaz Padhne Ka Tarika सीख लेते हैं।
#1. वित्र नमाज़ की पहली रकअत
- पहली रकात पढ़ने के लिए हम वित्र नमाज़ की नियत करेंगे, जो हमने ऊपर सीखे है।
- अब सना दुआ को पढ़ेंगे। (सुबहानाकल्ला हुम्मा……)
- इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रज़ीम 2. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम पढ़ेंगे।
- अब हम सूरह फातिहा (अलहम्दु शरीफ) पढ़ेंगे।
- क़ुरान मजीद की कोई भी छोटी या बड़ी सूरह पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू जायेंगे और फिर रुकू की हालत में 3 या 5 बार सुबहाना रब्बियल अज़ीम पढ़ेगे।
- फिर समिअल्लाहु लिमन हमीदा कहते हुए रुकू से सीधे खड़े हो जायेंगे और खड़े होने के तुरंत बाद रब्बना लकल हम्द पढ़ेंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जायेंगे और सज़दे की हालत में हम सजदे की तस्बीह सुबहाना रब्बियल आला 3 या 5 बार पढ़ेगे।
- इसके बाद अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे से उठकर बैठ जायेंगे।
- दोबारा अल्लाहुअकबर कहते हुए सजदे में जाएंगे।
- अब अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे से सीधे खड़े हो जाएँगे।
इस तरह हमारी Witr Ki Namaz की एक रकाअत पूरी हो जायेगी।
#2. वित्र नमाज़ की दूसरी रकअत
- दूसरी वित्र की नमाज़ की रकात पढ़ने के लिए हमें दोबारा स्टेप 4 से 10 को फॉलो करना है।
- जब हम दूसरी रकात में दूसरा सज्दा करने के बाद अल्लाहुअकबर पढेंगे तो उस वक़्त हमें सीधा खड़ा ना होकर, बैठ जाना है। (अत्तहियात में बैठना है।)
- अब हम तशह्हुद पढ़ेंगे।
- तशह्हुद या फिर अत्तहियात पढ़ने के बाद हम अल्लाहुअकबर कहते हुए तीसरी रकत के लिए सीधा खड़ा हो जायेंगे।
इस तरह हमारी दो रकात वित्र की नमाज़ मुकम्मल हो जायेगी।
#3. वित्र नमाज़ की तीसरी रकात
- तीसरी रकात में पहले सूरह फातिहा पढ़ेंगे।
- कुरआन शरीफ की कोई सूरह या कोई एक कुल पढ़ेंगे।
- कुरआन की कोई सूरह या चारों कुल में से कोई एक कुल पढ़नें के बाद अल्लाहुअकबर कहते हुए दोनों हाथों को कानों तक उठाकर कमर पर बाँध लेंगे।
- अब दुआ ए कुनूत पढ़ेंगे।
- अब रुकू करेंगे और सजदे करेंगे।
- सज्दे पूरे करने के बाद हम अल्लाहु अकबर कहते हुए हम अत्तहियात में बैठ जायेंगे।
- तशह्हुद पढ़ेंगे।
- इसके बाद दरूद शरीफ (दरुदे इब्राहीम) पढ़ेगे।
- अब दुआ ए मासुरा को पढ़ेंगे।
- दुआ मासूरा पढ़ने के बाद पहले दायीं ओर सर घुमाकर कहेंगे: अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह
- इसके बाद बायीं ओर सर घुमाकर कहेंगे: अस्सलामुअलैकुम वरहमतुल्लाह
इस तरह हमारी वित्र की नमाज़ पूरी हो जायेगी।
Witr Ki Namaz से जुड़े कुछ सवाल-जबाव
1. वित्र की नमाज़ में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है?
वित्र की नमाज़ में दुआ ए कुनूत पढ़ी जाती है।
दुआ कुनूत याद ना होने पर “रब्बना आतिना फिद्दुनिया ह स नतौं व फिल आखिरती ह स नतौं वकिना अजाबन नार” दुआ को पढ़ सकते हैं।
दुआ कुनूत ईशा की नमाज़ के वक़्त वित्र की वाजिब नमाज़ की तीसरी रकात में पढ़ी जाती है।
आखिरी शब्द
तो जैसा कि हमने इस पोस्ट में जाना कि वित्र की नमाज़ में 3 रकात नमाज़ पढ़ी जाती है। साथ ही हमने वित्र की नमाज़ पढ़ने का पूरा तरीका (Witr Ki Namaz Ka Tarika) जाना।
अगर हमसे लिखने में कहीं गलती हो गयी है तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।