Safar Ki Dua in Hindi: – क्या आप भी Safar Ki Dua in Hindi में इन्टरनेट पर सर्च कर रहे है
तो आप बिलकुल सही पोस्ट को पढ़ रहे है। इस पोस्ट में आपको सफ़र की दुआ हिंदी में बताई गयी है।

आप जब भी अपना सफ़र करना शुरु करें Safar Ki Dua पढ़कर अपना 🧳सफर शुरू करें।
सफ़र की दुआ हिंदी में | “सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबून” |
सफ़र की दुआ अरबी में | سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ |
सफ़र की दुआ इंग्लिश में | “Subhanallazi sakhkhara lana haaza wama kunna, lahoo muqrineen, wa inna ila Rabbina Lamunqaliboon” |
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Safar Ki Dua आखिर कहाँ मौजूद है?
Safar Ki Dua क़ुर’आन-ए-पाक की दो आयाते हैं। 📖सूरह 43, सूरह अज़-ज़ुख़रुफ की आयत ‘अदद 12 और 13 है।
आप चाहे तो कुरान पाक की सूरह 43 की 12-13 आयातों को पढ़ सकते हैं जहाँ आपको सफ़र की दुआ पढ़ने को मिलेगी।
इस्लाम एक ऐसा मजहब है जिसके हर पहलू में जिंदगी के सभी मसलों में रहनुमाई की गई है, जिसमें से सफर भी एक पहलू है।
इसको ध्यान में रखकर हमने इस पोस्ट में आपको सफर के दरमियान, इस्लामी शरीयत के हिसाब से जो सुन्नतें और सफ़र करने का जो सही तरीका होना चाहिए उसके बारे में भी बताया है।
सफ़र की दुआ | Safar Ki Dua
जब भी आप सफ़र शुरू करें तो सबसे पहले सवारी में बैठकर Safar Ki Dua को जरूर पढ़ें।
सफ़र की दुआ इन हिंदी | Safar Ki Dua in Hindi
“सुब्हानल्लज़ी सख्खर लना हाज़ा वमा कुन्ना लहू मुक़रिनीन, व इन्ना इला रब्बीना लमुनक़लिबून“
तर्जुमा: – वो पाक है जिसने इसको हमारे काबू में कर दिया और हम में ताक़त न थी कि इसको काबू में कर लेते और हमको अपने रब की तरफ ही लौट कर जाना है। [सुरह ज़ुख़रूफ (43), 13]

सफर की दुआ अरबी में | Safar Ki Dua in Arabic
بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَـٰذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ وَإِنَّا إِلَىٰ رَبِّنَا لَمُنقَلِبُونَ
اللہ تعالٰی پاک ہے جس نے یہ سفر ہمارے کنٹرول میں دیا ہے ، اس کی قدرت کے بغیر ہم اس پر قابو نہیں پا سکتے تھے۔

सफर की दुआ इन इंग्लिश| Safar Ki Dua In English
“Subhanallazi sakhkhara lana haaza wama kunna, lahoo muqrineen, wa inna ila Rabbina Lamunqaliboon”
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Safar का इरादा करें, तो इस दुआ को पढ़ें
अल्लाहुम-म बि-क असूलु व बि-क अहूलु व बि-क असीरु०
तर्जुमा – अल्लाह मैं तेरी मदद से ही हमला करता हूं, तेरी ही मदद से उनको दूर करने की तद्-बीर करता हूं तथा तेरी ही मदद से चलता हूं।
اللَّهُمَّ بِكَ أَصُولُ وَبِكَ أَجُولُ وَبِكَ أَسِيرُ
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सफर से वापसी की दुआ | Safar Se Wapsi Ki Dua
जिस दुआ को आप नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सफ़र से वापसी के वक़्त पढ़ते थे, उन कलमात को हमें भी सफ़र से वापसी करने के बाद पढ़ना चाहिए।
Safar Se Wapsi Ki Dua in Hindi
आअिबूना ताअिबूना आ़बिदूना साजिदूना लि रब्बिना हामिदून
तर्जुमा: – हम सफर से आने वाले है, तौबा करने वाले है, इबादत करने वाले है, सजदा करने वाले है और अपने खुदा की हम्द करने वाले है।
اٰ ئِبُوْنَ تَآئِبُوْنَ عَابِدُوْنَ سَاجِدُوْنَ لِرَبِّنَاحَامِدُوْنَ ۔
ہم سفر سے آنیوالے ہیں ،توبہ کرنے والے ہیں، عبادت کرنے والے ہیں ،سجدہ کرنے والے ہیں اور اپنے پروردگارکی حمد کرنے والے ہیں۔
इस्लाम में कितनी दुरी को सफर माना जाता है?
कुछ लोगों का मानना है कि 90 किलोमीटर से अधिक का सफ़र करने पर उसे सफर मान लिया जाए।
अब इस 90 किलोमीटर को पूरा करने के लिए हमने चाहे हवाई जहाज या ट्रेन या बस का सहारा क्यों न लिया हो।
बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि सफर में 2 दिन का समय लगता है तो उसे सफ़र माना जायेगा।
तो इस तरह इस्लाम में सफ़र की दूरी को लेकर लोगों की अलग अलग मत है। आप जब भी सफ़र करें तो Safar Ki Dua in Hindi में पढ़कर ही सफ़र शुरू करें।
- सबारी में बैठने के बाद सफ़र की दुआ को पढ़ें।
- अपनी सवारी को पकड़ने के लिए ⌚10 से 15 मिनट पहले स्टेशन पर पहुँच जायें।
- अपने दूसरे छोटे और बूढ़े लोगों का ख्याल रखें।
सफर की सुन्नतें | Safar Ki Sunnatein
- कोशिश करें कि सफ़र में कम से कम दो आदमी जायें, कभी तन्हा आदमी सफ़र न करे। बस ज़रूरत और मजबूरी में अकेला आदमी सफ़र कर सकता है। (जब एक शहर से दुसरे शहर जाना हो तो।) [Fatahul Baari 6/53]
- सवारी में चढ़ते वक़्त सीधा पैर पहले रखें और “बिस्मिल्लाह हिर्रह् मानिर रहीम” पढ़ें। [Tirmizi 2/182]
- सवारी में आराम से बैठने के बाद तीन मर्तबा “अल्लाह हु अकबर (الله أكبر)” कहें। उसके बाद सफ़र की दुआ पढ़ें।[Muslim 1/434]
- रास्ते में ठहरने का सुन्नत तरीका यह है कि रास्ते से हटकर ठहरें। जिससे कि आने जाने वालों का रास्ता ना रुके और उनको कोई तकलीफ न हो। [Muslim 2/144]
- जब भी सवारी बुलंदी पर चढ़ने लगे तो तीन मर्तबा “अल्लाह हु अकबर” पढ़ें। [Bukhari 1/420]
- जब सवारी ऊँचाई से नीचे को उतरने लगे तो “सुब्हान अल्लाह” पढ़ें। [Bukhari 1/420]
आखिरी शब्द
तो इस पोस्ट में हमने Safar Ki Dua In Hindi में पढ़ी और साथ ही साथ सफ़र की कुछ सुन्नतों को भी जाना।
उम्मीद करते हैं कि अब आप इस सफ़र की दुआ को पढ़कर ही अपना सफ़र शरू करेंगे।
दोस्तों अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई हो तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।