Humbistari Ki Dua in Hindi: – हमबिस्तरी यानि शादीशुदा जीवन में मियाँ-बीबी के आपसी सम्बन्ध को, इस्लाम में एक बेहद अहम हिस्सा बताया गया है। तो आज की इस पोस्ट में हम Humbistari Ki Dua को हिंदी और दूसरी भाषाओं में पढ़ेंगे।

दोस्तों अगर आपको मालूम नहीं है कि हमबिस्तरी या शोहबत करने से पहले कौन सी दुआ को पढ़ा जाता है तो टेंशन की कोई बात नहीं है।
आज हमबिस्तरी की दुआ के साथ हम, हमबिस्तरी के मुताल्लिक और भी बहुत कुछ जानेंगे।
हमबिस्तरी की दुआ | Humbistari Ki Dua
हमबिस्तरी की दुआ हिंदी में
❝ बिस्मिल्लाही अल्लाहुम्मा जन्निबनश-शैताना
वा जन्नीबिश-शैताना मा रज़कताना ❞

हमबिस्तरी की दुआ का हिंदी तर्जुमा
अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ, ए अल्लाह! हमसे शैतान को दूर कर और जो कुछ हमे तू अता करे (औलाद), उससे भी शैतान को दूर रख।
हमबिस्तरी की दुआ अरबी में
بِسْمِ اللَّهِّ اللَّهُمَّ جَنِّبْنَا الشَّيْطَانَ
وَجَنِّبِ الشَّيْطَانَ مَا رَزَقْتَنَا

हमबिस्तरी की दुआ का उर्दू तर्जुमा
اللہ کے نام سے شروع کرتا ہوں، اے اللہ ہمیں شیطان سے محفوظ فرما
اور جو اولاد ہمیں دے شیطان کو اس سے دور رکھ
Humbistari Ki Dua in English
Bismillahi allahumma Jannib-nash Shaitana
Wa Jannibish Shaitana Ma Razaktana.

हमबिस्तरी की दुआ पढ़ने के फायदे
एक हदीस में आया है कि हज़रत इब्ने अब्बास रदियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि हुज़ूर सल्ललाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया, “जो कोई शख्स hambistari karne ki dua ( जो ऊपर लिखी है) को सोहबत के समय में पढ़ता है,
तो अल्लाह इस sohbat karne ki dua पढ़ने वाले को अगर औलाद अता फरमाता है, तो उस औलाद को शैतान कभी भी किसी भी तरह का नुक्सान नहीं कर सकता।
[बुखारी शरीफ जिल्द 3, सफा 85, तिर्मिज़ी शरीफ, जिल्द 1, सफा 557]
दूसरी एक हदीस में आता है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया है कि, “अगर कोई भी Humbistari Karne Ki Dua को पढ़कर सोहबत करते हैं, तो इसके बाद अगर अल्लाह ने उनको औलाद दी, उनकी औलाद शैतान से महफूज रहेगी”।
हमबिस्तरी क्या है?

शादीशुदा मियां-बीबी के बीच में जिस्मानी संबंध बनना ही हमबिस्तरी होता है। हम लोग इसे कई नामों से जानते हैं, जैसे कि जिमा, मुबाशरत और सोहबत आदि। बीवी से हमबिस्तरी करना एक जरूरत और जायज काम है।
यह मियां-बीबी को एक-दूसरे के नज़दीक लाने और उनके बीच प्यार बढ़ाने का तरीका है।
जिमा, मुबाशरत या सोहबत करने के लिए निकाह का होना जरूरी है। बिना निकाह किये, सोहबत करना, ज़िना होता है।
Nikah Ke Baad Humbistari Ki Dua पढ़कर ही हमबिस्तरी को करना सही और इस्लामी तरीका है।
हमबिस्तरी का मतलब | humbistari meaning in hindi
हमबिस्तरी या सोहबत (صحبت) का मतलब होता है: -” शोहर और बीवी के बीच जिन्सी मेल-मिलाप या जिस्मानी राबता।”
सोहबत एक उर्दू लफ्ज़ है, जिसको हमबिस्तरी (ہم بستری), मुबाशरत (مباشرت), अरबी में जिमा या अल-जिमा (جماع/الجماع), और हिंदी में संभोग तथा इंग्लिश में Intercourse or Copulation भी कहा जाता है ।
हमबिस्तरी से पहले की तैयारी
जब मियां-बीबी हमबिस्तरी का इरादा करें तो उन्हें चाहिए कि इस्लामी तरीके से इस काम को किया जाये। तो मुबाशरत या सोहबत करने से पहले कुछ जरूरी तैयारियां कर लेनी चाहिए।
- हमबिस्तरी करने से पहले पाकी की हालत में होना चाहिए।
- अगर पाक ना हो तो वज़ू करके अच्छे से नहाना चाहिए।
- 2 रकअत नफिल नमाज़ पढ़नी चाहिए।
- शैतान से, अल्लाह की पनाह मांगनी चाहिए।
- हमबिस्तरी की नीयत से पहले hum bistar hone ki dua पढ़ लेनी चाहिए।
इन सभी जरूरी तैयारियों से हमबिस्तरी करना भी इबादत में शुमार किया जायेगा और आप शैतानी फ़ितनों से महफूज़ रहेंगे।
हमबिस्तरी के बाद क्या करें?
- हमबिस्तरी करने के बाद ग़ुस्ल कर लेना चाहिए। बहुत से लोग ये भी जानना चाहते हैं कि Humbistari Ke Baad Ghusl Ki Dua कौन सी होती है? तो यहाँ आपको यह बता दें कि ग़ुस्ल की कोई दुआ नहीं होती है। बिस्मिल्लाह पढ़कर ग़ुस्ल शुरू करना चाहिए।
- हाँ लेकिन ग़ुस्ल के कुछ फ़राइज़ होते हैं। अगर इन फ़राइज़ को छोड़ दिया गया तो आपका ग़ुस्ल नहीं होगा। आप ग़ुस्ल के इन फ़राइज़ को जरूर जान लें। ग़ुस्ल के फ़राइज़ हिंदी में।
- गुसल के बाद 2 रकत नफिल नमाज अदा करनी चाहिए।
- हमबिस्तरी के बाद अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए अल्लाह से मुख़्तसर सी दुआ करनी चाहिए।
हमबिस्तरी के दौरान इन बातों का ख्याल रखें
जब मियां-बीबी हमबिस्तरी करने का इरादा करें और इस काम को करें तो उस वक़्त कुछ बातों को ध्यान रखना चाहिए:
- बीवी की इज्जत का ख्याल रखें।
- जबरदस्ती सोहबत करके अपनी बीबी को तकलीफ न दें।
- याद रहे कि गुसल किए बिना हमबिस्तरी कभी न करें।
- हमबिस्तरी करने से पहले Biwi Ke Sath Humbistari Karne Ki Dua को जरूर पढ़ें।
- गलत तरीकों से जिमा को न करें।
- फर्जी तरीके से संतान पैदा ना करें।
- बीवी की रजामंदी का ख़याल रखें।
- हमबिस्तरी को प्यार और इज्जत तरीके के साथ करें।
हमबिस्तरी के फायदे
सही और इस्लामी तरीके से हमबिस्तरी करने से कई फायदे हासिल होते हैं जैसे:
- सौहर और बीबी के दरमियान प्यार और आकर्षण बढ़ता है।
- नेक औलाद होने की उम्मीद बढ़ती है।
- दोनों की जिस्मानी जरूरतें पूरी हो जाती हैं।
- इस्लामी तरीके से और Intercourse Karne Se Phele Ki Dua पढ़ने से, इंसान गुनाहों से बचा रहता है।
- घर में सुकून और खुशहाली बनी रहती है।
- आने वाली औलाद शैतान से महफूज़ रहती है।
मनी निकलते वक़्त की दुआ | Mani Nikalte Waqt Ki Dua
जिस वक्त मर्द की मनी उसके उजू-ए-तनासुल से निकलती है और यह मनी औरत की शर्मगाह में दाखिल होने लगती है तो उस वक्त सौहर को दिल ही दिल में ये दुआ पढ़नी चाहिए:
“अल्लाहुम्मा-ला-तजाअल लिश शैतानि फि-म-रज़कतनि नसी-बा”
तर्जुमा : – “ऐ अल्लाह! शैतान के लिए हिस्सा न बना उसमें, जो (औलाद) तू हमें अता करे।”
हमबिस्तरी से जुड़ी कुछ हदीस | Humbistari Se Judi Hadees
आपको चाहिए कि हमबिस्तरी से जुड़ी इन हदीसों को पढ़ें और इन पर अमल करें। इंशाअल्लाह आपको समझने में और आसानी होगी।
हदीस नंबर 1: –
📑 हदीस में आया है कि अगर किसी ने अपनी सोहबत की बात को लोगो में बताया तो इस चीज़ की मिसाल ऐसी होती है जैसे कि एक शैतान औरत, एक शैतान मर्द से मिली हो और लोगों के सामने खुल्लमखुल्ला सोहबत करने लगे हों।
[अबू दाऊद, जिल्द : 2, हदीस नं. 407, सफा : 155, बाब नं. 127]
हदीस नंबर 2: –
📑 इब्ने माजा की एक हदीस में है कि आप हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया है कि,
“तुममें से जो कोई भी अपनी बीवी के पास जाए, तो परदा कर लिया करे, और गधे की तरह शुरू ना हो जाए।”
[इब्ने माजा, जिल्द 1, सफा 538, हदीस संख्या-1990, बाब संख्या-616]
हदीस नंबर 3: –
📑 एक हदीस में आया है कि पखाने की जगह में औरत से सोहबत करना हराम होता है”।
हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया है कि, “जिसने किसी ने, औरत या मर्द से उसके पीछे के मुकाम से सोहबत की तो उसने यकीनन कुफ्र का काम किया”।
[अबू दाऊद शरीफ]
आखिरी शब्द
तो आपने जाना कि Biwi Ke Sath Humbistari Karne Ki Dua को पढ़कर ही, हमबिस्तरी की जानी चाहिये। जिससे होने वाली औलाद नेक हो और शैतान से महफूज़ रहे।
कुल मिलाकर हमबिस्तरी शादीशुदा जिन्दगी का एक हिस्सा है। जिसे दुआओं और इस्लामी तरीके से किया जाना चाहिए। हमबिस्तरी से पहले और बाद की दुआएं पढ़कर इसे और भी फायदेमंद बनाया जा सकता है।
दोस्तों, अगर लिखने में कहीं भी कोई गलती हुई हो, तो कमेंट में जरूर बताएं।
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